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त्रिफला चूर्ण के फायदे, उपयोग और नुकसान – Triphala Churna Benefits, Uses and Side Effects in Hindi

आजकल हर किसी के लिए सेहत से ज्यादा दूसरी चीजें जरूर हो गई हैं। इस चक्कर में वो समझ नहीं पाते हैं कि कब उनका शरीर बीमारियों की चपेट में आ गया है। जब पता चलता है, तो उसे ठीक करने के लिए तरह-तरह के उपचार करते हैं व अंग्रेजी दवाइयां खाते हैं। बाद में इन दवाइयों के दुष्प्रभाव नजर आते हैं। आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी ‘ओल्ड इज गोल्ड’, जो आयुर्वेद पर बिल्कुल फिट बैठती है। आयुर्वेद में कई बीमारियोंं का इलाज त्रिफला चूर्ण को बताया गया है। इस लेख में हम त्रिफला चूर्ण के फायदे बताने जा रहे हैं। साथ ही त्रिफला चूर्ण को उपयोग करने की जानकारी भी देंगे। अब बिना देर करते हुए जानिए त्रिफला के फायदे।

इससे पहले कि आप त्रिफला के गुण जानें, आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि त्रिफला या त्रिफला चूर्ण क्या है? इस लेख में आपको इस सवाल का जवाब भी जरूर मिलेगा।

त्रिफला चूर्ण क्या है – What is Triphala Churna in Hindi

What is Triphala Churna in Hindi

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आपको बता दें कि त्रिफला रसोई में पाया जाने वाला कोई मसाला या जड़ी-बूटी नहीं है। यह दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है, त्रि यानी तीन और फला मतलब फल। इसका मतलब यह है कि त्रिफला कोई एक फल या जड़ी-बूटी नहीं है, बल्कि एक चूर्ण के रूप में तीन फलों का मिश्रण है। नीचे हम उन तीन फलों के बारे में बता रहे हैं, जिनके मिश्रण से त्रिफला चूर्ण बना है। त्रिफला चूर्ण के फायदे इसमें मौजूद तीन घटकों के कारण हैं।

आंवला – संस्कृत में इसे अमृता, अमृतफल व आमलकी के नाम से जाना जाता है। यह भारत में इसे कई तरह से उपयोग किया जाता है। आंवला गुणों का खजाना है और इसके कई फायदे हैं। पाचन शक्ति में सुधार लाना हो, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी हो, हड्डियों को मजबूत करना हो या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर करनी हों, आंवला एक बहुत अच्छा विकल्प है। आप इसका जूस, अचार या चूर्ण के रूप में सेवन कर सकते हैं। आंवले के और फायदे जानने के लिए आप स्टाइलक्रेज का ‘आंवला के 22 फायदे, उपयोग और नुकसान‘ लेख पढ़ सकते हैं।

आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन-सी होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इससे पाचन शक्ति भी ठीक होती है।

  • इसमें मौजूद विटामिन-सी एनीमिया के मरीजों के लिए भी लाभकारी है।
  • यह शरीर को डिटॉक्सीफाई कर सकता है और जिन महिलाओं को मासिक धर्म में समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उनके लिए भी यह बहुत फायदेमंद है।
  • यह लिवर, किडनी व फेफड़ों के लिए भी अच्छा है।

बहेड़ा – इसे बिभीतकी भी कहा जाता है, जबकि संस्कृत में इसका नाम विभिदक है। बहेड़ा को औषधि के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसके उपयोग से हाथ-पैर में जलन, कब्ज व आंखों की कम होती रोशनी आदि परेशानियों का इलाज किया जा सकता है।

  • यह खून को शुद्ध करता है, हानिकारक विषाक्त पदार्थों के साथ-साथ शरीर के अतिरिक्त फैट को कम करता है व दृष्टि में सुधार करता है। इतना ही नहीं इसमें एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल गुण भी मौजूद हैं।
  • यह आपके बालों को जड़ों से मजबूत बनाता है और बालों का गिरना व सफेद होना कम करता है।

हरड़ – इसे संस्कृत में हरितकी कहा जाता है। यह अखरोट जैसा फल है, जिसे तब चुना जाता है, जब यह पक कर पीले रंग का हो जाता है। इसे आमतौर पर ‘हर्रे’ भी कहते हैं। हरड़ या हरीतकी सिर्फ स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद है।

  • हरड़ आंखों के लिए अद्भुत काम करता है और मोतियाबिंद व ग्लूकोमा जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करता है।
  • यह उपचार प्रक्रिया में सुधार और सहायता करता है। इसलिए, हरड़ के उपयोग से घाव या अल्सर तेजी से ठीक हो जाते हैं।
  • हरड़ किसी भी तरह की त्वचा की समस्याओं या बीमारियों के लिए बहुत अच्छा काम करता है।
  • यह एंटी-एजिंग की तरह भी काम करता है।
  • हरड़ लिवर के लिए और मस्तिष्क के लिए भी बहुत फायदेमंद है।

इन तीनों फलों को विभिन्न शारीरिक समस्याओं के लिए अलग-अलग उपयोग किया जाता है, लेकिन जब इन तीनों का मिश्रण बनता है, तो यह कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक पावर पैक दवा का काम करते हैं। इन तीनों का मिश्रण स्वास्थ्य के लिए बहुत ही प्रभावकारी है। इनका सबसे बड़ा योगदान यह है कि इससे पेट साफ रहता है और खून शुद्ध होता है। खासकर, उन लोगों के लिए त्रिफला चूर्ण अमृत की तरह है, जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है और जो सही से भोजन नहीं कर पाते। पेट का सही रहना बहुत जरूरी है, अगर आपका पेट स्वस्थ है, तो आधी बीमारी ऐसे ही दूर हो जाती है। आइए, त्रिफला के विभिन्न लाभों पर एक नजर डालते हैं।

त्रिफला चूर्ण के फायदे – Triphala Churna Benefits in Hindi

वजन घटाने से लेकर डायबिटीज तक के कई स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में त्रिफला चूर्ण फायदेमंद है। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट के रूप में कार्य करता है। इसलिए, यह गठिया के इलाज और सूजन को कम करने के लिए भी मददगार साबित हो सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम कर सकते हैं। इसमें कुछ एंटी-कैंसर गुण भी होते हैं (1)।

त्रिफला चूर्ण के फायदों की सूची यहीं समाप्त नहीं होती है। त्रिफला चूर्ण के फायदे अनेक हैं, जिसके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं।

सेहत के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे – Health Benefits of Triphala Churna in Hindi

अगर मनुष्य की सेहत अच्छी है, तो वो दिनभर ऊर्जावान बना रहता है, लेकिन अगर स्वास्थ्य ही सही नहीं है, तो उसे कई तकलीफें हो सकती हैं। इस स्थिति में त्रिफला चूर्ण सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है और उसी के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।

1. पाचन के लिए त्रिफला के फायदे

Triphala for Digestion

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गलत खान-पान या ज्यादा बाहर का तैलीय खाना खाने से पेट और पाचन संबंधी कई परेशानियां हो सकती है। इस समस्या को ठीक करने के लिए कई बार लोग एसिडिटी की दवाइयों का सेवन करने के आदी हो जाते हैं, जोकि सही नहीं है। इसकी जगह त्रिफला चूर्ण अच्छा विकल्प है। त्रिफला में मौजूद औषधीय गुण पाचन शक्ति में सुधार कर पेट की परेशानियों से राहत दिलाते हैं (2)। यह पेट से संबंधित अन्य समस्याओं जैसे – कब्ज, पेट खराब, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (irritable bowel syndrome) आदि को भी ठीक कर सकता है। आप त्रिफला के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं (3)।

2. आंखों के लिए त्रिफला के फायदे

शरीर के अन्य अंगों की तरह आंखों का ध्यान रखना भी जरूरी है। आजकल कई बच्चों को बचपन से ही चश्में लग जाते हैं और आगे चलकर उन्हें कमजोर दृष्टि की समस्या होती है। बड़ों को भी बढ़ती उम्र के साथ मोतियाबिंद की समस्या होने लगती है। ऐसे में वक्त रहते अपनी आंखों का ध्यान रखना जरूरी है। त्रिफला आंखों के लिए टॉनिक का काम करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण और प्रचुर मात्रा में मौजूद विटामिन-सी आंखों के लिए फायदेमंद है (2)। नीचे हम आंखों के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग की विधि बता रहे हैं।

सामग्री :
  • एक से दो चम्मच त्रिफला चूर्ण
  • गर्म या गुनगुना पानी
उपयोग करने का तरीका :
  • रात को गर्म पानी में एक से दो चम्मच त्रिफला पाउडर मिला लें और रातभर के लिए छोड़ दें।
  • सुबह इस मिश्रण को छानकर इससे अपनी आंखों को धोएं।
  • यह आसान नुस्खा आपकी आंखों को संक्रमण से बचाएगा और स्वस्थ रखेगा।
  • आप त्रिफला चूर्ण का सेवन भी कर सकते हैं।

नोट: एक बार इसके पाउडर को लगाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें। हर किसी का शरीर और उनकी जरूरतें एक जैसी नहीं होती हैं। अगर आपको किसी चीज से जल्द एलर्जी होती है और आप पहली बार इसका उपयोग कर रहे हैं, तो विशषेज्ञ की राय लेना जरूरी है।

3. वजन कम करने के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे

Benefits of Triphala Powder for Weight Loss

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आजकल मोटापा लगभग हर दूसरे व्यक्ति की समस्या है। दिनभर ऑफिस में बैठकर काम करना, जंक फूड खाना और व्यायाम न करना, यही हर किसी की दिनचर्या हो गई है। इसी कारण मोटापा होता है। कुछ लोग मोटापा कम के लिए डाइटिंग या जिम का सहारा लेते हैं, लेकिन कुछ खास असर नहीं होता। ऐसे में अगर त्रिफला चूर्ण का सेवन किया जाए, तो काफी फायदा हो सकता है। त्रिफला चिकित्सकीय एजेंट की तरह काम करता है। यह न सिर्फ वजन को कम कर सकता है, बल्कि शरीर का फैट भी कम कर सकता है (2)। जिम, व्यायाम या योग के साथ-साथ अगर त्रिफला चूर्ण का सेवन करेंगे, तो आपको कुछ ही दिनों में फर्क नजर आने लगेगा। जल्दी वजन घटाने के लिए आप त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ मिलाकर दिनभर में दो से तीन बार सेवन कर सकते हैं।

4. कब्ज के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे

कब्ज के कारण पेट में गैस व दर्द की समस्या होने लगती है। लोग इससे राहत पाने के लिए तरह-तरह की दवाइयां लेते हैं, लेकिन कुछ खास असर नहीं होता। ऐसे में त्रिफला चूर्ण का सेवन रामबाण इलाज साबित हो सकता है। इसके सेवन से गैस, पेट फूलना, कब्ज और पेट से संबंधित अन्य परेशानियों से राहत मिलेगी (2)।

कब्ज की समस्या से बचने के लिए आप रोज रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म पानी में एक से दो चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर उसका सेवन करें। ध्यान रहे कि इसे पीने के बाद आप फिर किसी और चीज का सेवन न करें।

5. स्वस्थ दिल के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे

Benefits of Triphala Powder for Healthy Heart

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शरीर को स्वस्थ रखना है, तो दिल का अच्छी तरह से काम करना जरूरी है। वहीं, आजकल हर कोई तनाव से घिरा रहता है, जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है। सिर्फ तनाव ही नहीं, बल्कि गलत खान-पान से भी शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। इससे दिल की बीमारी हो सकती है। शायद ही आपको पता होगा कि त्रिफला के सेवन से आपका दिल भी स्वस्थ रहता है। ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। यह कोलेस्ट्रॉल को कम कर हृदय को स्वस्थ रखता है और ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है (2)।

6. वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण के लिए त्रिफला के फायदे

वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण किसी को और कभी भी हो सकता है। ऐसे में अगर स्वस्थ जीवनशैली और स्वस्थ खान-पान के साथ सही औषधि का भी सेवन किया जाए, तो वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। उन्हीं में से एक है त्रिफला चूर्ण। वर्षों से आयुर्वेद में उपयोग किया जा रहा त्रिफला कई वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों से शरीर का बचाव करता है। त्रिफला चूर्ण में मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल व एंटीकैंसर जैसे कई गुणों की वजह से यह वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों से आपका बचाव कर सकता है (2)।

7. रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए त्रिफला के फायदे

disease resistance

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अगर किसी व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता सही नहीं है, तो वो व्यक्ति आसानी से बीमारी का शिकार हो सकता है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर मौसम में थोड़ा-सा बदलाव होते ही सर्दी-जुकाम, बुखार व अन्य बीमारियां होना आम है। ऐसे में त्रिफला अच्छा विकल्प है। यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो सकता है। इसमें मौजूद विभिन्न एक्टिव कंपाउंड जैसे – गैलिक एसिड (gallic acid), चेबुलैजिक एसिड (chebulagic acid), एलेजिक एसिड (ellagic acid), फ्लैवोनॉइड (flavonoids), टैनिन (tannins) और फेनॉल (phenols) के कारण रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। इसलिए, अगर आप जल्द बीमार हो जाते हैं, तो अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन शुरू करें (4)।

8. गले में खराश के लिए त्रिफला

जरूरी नहीं गले में खराश मौसम बदलने से ही हो, कभी-कभी गर्मी के मौसम में ज्यादा ठंडी चीजों के सेवन से भी गले में खराश हो सकती है। इस स्थिति में कई बार लोग दवाइयां लेने लगते हैं, लेकिन अगर पहले से ही ऐसे किसी चीज का सेवन किया जाए, जो इस परेशानी को रोक सके तो कैसा हो? अगर आप गले में खराश से परेशान है, तो त्रिफला चूर्ण का सेवन करें। इससे न सिर्फ रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होगा, बल्कि गले में खराश की समस्या भी ठीक होगी (5)।

9. खून की कमी के लिए त्रिफला

Triphala for lack of blood

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एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी गंभीर समस्या है। सही पौष्टिक आहार न लेना, मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्त स्त्राव होना या कोई बीमारी होने से खून की कमी हो सकती है। खून की कमी से सिरदर्द, थकान, चिड़चिड़ापन व चक्कर आने जैसी कई समस्याएं हो सकती है। कई बार तो खून की कमी जानलेवा भी हो सकती है। इसलिए, पौष्टिक आहार के साथ-साथ अगर आप त्रिफला चूर्ण का सेवन करेंगे, तो इस परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है। त्रिफला में मौजूद विभीतकी खून की कमी की समस्या को दूर कर सकता है (5)। इसलिए, अपनी जीवनशैली में त्रिफला को शामिल करें।

10. रक्त प्रवाह के लिए त्रिफला

अगर शरीर में सही तरीके से रक्त प्रवाह नहीं होता है, तो शरीर कई समस्याओं का शिकार हो सकता है। दिल से लेकर मस्तिष्क तक की परेशानी हो सकती है और आगे चलकर यह समस्या जानलेवा भी हो सकती है। ऐसे में त्रिफला चूर्ण का सेवन शरीर में रक्त प्रवाह को सही रख सकता है। इसमें एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल व एंटीएलर्जिक गुण मौजूद होते हैं। इतना ही नहीं इसमें मौजूद घटक दिल के लिए टॉनिक की तरह काम करते हैं। ये न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं, बल्कि रक्त प्रवाह में भी सुधार करते हैं (6)। इसलिए, अगर अभी तक आपने इसका सेवन शुरू नहीं किया है, तो अब भी वक्त है जल्द ही इसे अपनी डाइट में शामिल करें।

11. डिटॉक्सीफिकेशन के लिए त्रिफला

Triphala for detoxification

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हमारे शरीर को डिटॉक्सीफिकेशन की भी जरूरत होती है। हमारे शरीर में टॉक्सिक यानी विषैले तत्व जमा होने लगते हैं, जिसका असर हमारे स्वास्थ्य पर दिखने लगता है। इससे कील-मुंहासे, अनिद्रा, पेट की समस्या व तनाव जैसी समस्याएं होने लगती है। ऐसे में इन विषैले तत्वों का शरीर से बाहर निकालना जरूरी होता है। इसी को डिटॉक्सीफिकेशन कहते हैं। शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के लिए त्रिफला अच्छा विकल्प है। इसे लैक्सेटिव की तरह उपयोग किया जाता है, यानी पेट साफ करने के लिए एक अच्छे डिटॉक्सीफाइंग एजेंट की तरह इसका उपयोग किया जाता है (7)। नीचे हम आपको बताएंगे कि आप इसे डिटॉक्सीफाई करने के लिए कैसे उपयोग कर सकते हैं।

सामग्री :
  • दो चम्मच त्रिफला चूर्ण
  • एक गिलास गर्म पानी
  • अदरक
बनाने और सेवन करने की विधि :
  • दो चम्मच त्रिफला चूर्ण को एक गिलास पानी में डालें और इसमें थोड़ा-सा कद्दूकस किया हुआ अदरक डाल दें।
  • आप इस मिश्रण को आठ घंटे के लिए या पूरी रात रहने दें।
  • फिर इस मिश्रण को तब तक उबालें, जब तक यह आधा न हो जाए।
  • अब इसे छान लें और इसमें थोड़ा नींबू का रस मिला लें। आपका डिटॉक्सीफायर तैयार है।
  • जल्दी असर के लिए इसे गर्मा-गर्म पीएं, लेकिन ध्यान रहे यह गुनगुना हो।
  • आप इसे रोज सुबह पी सकते हैं।
  • इसके अलावा, आप रात को सोने से पहले त्रिफला चूर्ण को पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं।

12. जोड़ों के दर्द या गठिया के लिए त्रिफला चूर्ण

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हड्डियां कमजोर होने लगती है। कई लोगों को जोड़ों के दर्द की शिकायत होने लगती है। कभी-कभी तो पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण ऐसा युवावस्था में भी होने लगता है। अगर वक्त रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो आगे चलकर यह गठिया बीमारी का रूप ले सकता है। ऐसे में त्रिफला चूर्ण का सेवन काफी लाभकारी हो सकता है। यह शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करता है। इसका एंटी-अर्थराइटिस असर गठिया की समस्या को कम कर सकता है। इतना ही नहीं इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया के सूजन को कम कर सकते हैं (2) (8) (9) (10) (11)। जब भी आपको अपनी हड्डियों में दर्द महसूस हो, तो एक चम्मच त्रिफला पाउडर एक गिलास पानी में मिलाकर पी लें।

13. दांतों के लिए त्रिफला

Triphala for teeth

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शरीर के अन्य अंगों की तरह दांतों का ध्यान रखना भी जरूरी है। सफेद-चमकीले दांत व्यक्तित्व को और निखारते हैं। इसलिए, दांतों की सेहत भी बहुत मायने रखती है। दांतों को स्वस्थ रखने के लिए न सिर्फ अच्छे पेस्ट की जरूरत होती है, बल्कि देखभाल की भी जरूरत होती है। सिर्फ दांत ही नहीं, बल्कि पूरे मुंह की देखभाल भी जरूरी है, क्योंकि कई लोग मुंह की बदबू या मसूड़ों में सूजन व खून आने से भी परेशान होते हैं। ऐसे में आयुर्वेदीक औषधि त्रिफला मुंह के स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया था कि त्रिफला तीन फलों का मिश्रण है – आंवला, बिभीतकी और हरड़। इन तीनों में कई प्रकार के गुण जैसे – एंटी-फंगल, एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-ऑक्सीडेंट, विटामिन-सी और कई अन्य गुण मौजूद हैं, जो न सिर्फ दांतों, बल्कि मसूड़ों के लिए भी फायदेमंद है। दांतों के लिए आप त्रिफला से कुल्ला कर सकते हैं (12)। आप इसे माउथ वॉश की तरह उपयोग कर सकते हैं। इससे मसूड़ों में संक्रमण व दर्द की समस्या कम हो सकती है (13) (14)।

14. डायबिटीज के लिए त्रिफला चूर्ण

Triphala powder for diabetes

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डायबिटीज किसी को भी हो सकती है। खासकर, आज के वक्त में जिस तरह का हमारा रहन-सहन व खानपान है, उस कारण डायबिटीज होने की आशंका कई गुणा बढ़ जाती है। त्रिफला चूर्ण डायबिटीज के लिए कारगर साबित हो सकता है। इसमें एंटी-डायबिटिक क्षमता है और इसका हायपोग्लिसमिक असर मधुमेह को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से ब्लड ग्लूकोज लेवल भी कम हो सकता है (2)। ध्यान रहे कि आप जरूरत से ज्यादा भी इसका सेवन न करें, वरना ब्लड शुगर अधिक कम या ज्यादा हो सकता है। इसलिए, किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर से एक बार बात कर लें कि आपको कितनी मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए।

15. सूजन कम करने के लिए त्रिफला

सूजन की परेशानी किसी को भी हो सकती है। इससे व्यक्ति को काफी तकलीफ होती है। सूजन शरीर के अंदर और बाहर दोनों तरीके से हो सकती है। सूजन की वजह से गठिया, किडनी, ह्रदय व मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में वक्त रहते इस पर ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए आप त्रिफला चूर्ण का सेवन कर सकते हैं, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो सूजन की समस्या से बचाव कर सकते हैं (2)। इसमें मौजूद मेथनॉल एक्सट्रैक्ट के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन और दर्द को काफी हद तक कम कर सकते हैं (15)। इस संबंध में अभी और वैज्ञानिक शोध की जरूरत है।

16. त्रिफला एंटी-एलर्जी के तौर पर

कई लोगों को त्वचा की एलर्जी होती है, तो कुछ को सही खाना न खाने से पेट व गले में एलर्जी हो सकती है। अगर आपको भी एलर्जी की समस्या रहती है, तो आप त्रिफला चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। त्रिफला में मौजूद एंटी-एलर्जिक गुण ब्रोंकाइल एलर्जी के खतरे को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, त्रिफला कई अन्य तरह की एलर्जी को कम या उसकी रोकथाम कर सकता है (16)।

17. घावों को भरने के लिए त्रिफला के फायदे

कई बार लोग छोटी-मोटी चोट या घाव को नजरअंदाज कर देते हैं और वही आगे चलकर बड़ा रूप ले लेती है। इसलिए, लोगों को अगर कहीं भी चोट लगे या घाव हो, तो उस पर उसी वक्त ध्यान देना चाहिए। इसके लिए आप घरेलू उपचार का सहारा ले सकते हैं। त्रिफला चोट या घाव को भरने में काफी लाभकारी है। आपको बता दें कि अगर कोई व्यक्ति हर रोज त्रिफला का सेवन कर रहा है, तो वो व्यक्ति बीमारियों से दूर रह सकता है। यहां तक कि उसका अल्सर और घाव से भी बचाव हो सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और कई अन्य गुण मौजूद होते हैं। साथ ही इसमें घाव को भरने का भी गुण मौजूद है (2)।

18. कैंसर से बचाव करे त्रिफला

एक वक्त था जब कैंसर कुछ ही लोगों में सुनने को मिलता था, लेकिन आज की बदलती और बेढंगी जीवनशैली के वजह से कैंसर कई लोगों को अपने चपेट में ले रहा है। इससे बचाव के लिए जीवनशैली का बदलना और खान-पान का ध्यान रखना तो जरूरी है ही, साथ ही त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से भी कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। त्रिफला में एंटीकैंसर गुण मौजूद होते हैं, जो कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं (2)।

19. चक्कर या मोशन सिकनेस के लिए त्रिफला

Triphala for Chakkar or Motion Sickness

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कभी-कभी लोगों को चक्कर आने की समस्या या फिर बस व गाड़ी में उल्टी आने की परेशानी होती है। ऐसा सही आहार न लेने, पौष्टिक तत्वों के कमी व गैस के कारण होता है। जिन लोगों को बस या गाड़ी में उल्टी की परेशानी होती है, वो बिना कुछ खाए-पिएं सफर करते हैं। नतीजतन, गैस की समस्या होती है और उल्टी आने लगती है। यहां तक कि सिरदर्द की समस्या भी होती है। इस स्थिति में त्रिफला का सेवन काफी फायदेमंद हो सकता है। इसमें मौजूद पौष्टिक तत्व व कई अन्य गुण न सिर्फ गैस की समस्या को दूर करते हैं, बल्कि चक्कर आने की परेशानी को भी कम कर सकते हैं (3)।

त्रिफला चूर्ण सेहत के साथ-साथ त्वचा के लिए भी लाभकारी है।

त्वचा के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे – Skin Benefits of Triphala Churna in Hindi

कोमल व मुलायम त्वचा सबकी चाहत होती है, लेकिन धूल-मिट्टी व प्रदूषण के कारण त्वचा की प्राकृतिक चमक चली जाती है। ऐसे में क्रीम व लोशन भी ज्यादा फायदा नहीं करते। इस स्थिति में त्रिफला बहुत फायदेमंद है, नीचे हम आपको इसी के बारे में बता रहे हैं।

त्वचा को जवां बनाने के लिए त्रिफला चूर्ण

Skin Benefits of Triphala

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निखरी, जवां त्वचा किसी के भी व्यक्तित्व में चार चांद लगा देती है, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, त्वचा की चमक भी खोने लगती है। इससे बचने के लिए लोग तरह-तरह की क्रीम व लोशन लगाते हैं, लेकिन कई बार इनसे त्वचा और बेजान हो जाती है व ज्यादा झुर्रियां दिखने लगती है। ऐसे में त्रिफला चूर्ण अच्छा विकल्प है। इसके सेवन या उपयोग से त्वचा काफी सेहतमंद रहती। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण न सिर्फ त्वचा की कोशिकाओं के लिए रक्षक का काम करते हैं, बल्कि त्वचा की रक्षा कर उसे स्वस्थ बनाए रखते हैं (17) (18) ।

आंखों के काले घेरों के लिए त्रिफला चूर्ण

अगर खूबसूरत चेहरे पर डार्क सर्कल हों, तो चेहरे की चमक खो जाती है। डार्क सर्कल कई कारणों से हो सकते हैं, जैसे – तनाव, भोजन में पोषक तत्वों की कमी, सही खान-पान यानी पौष्टिक आहार न लेना, नींद की कमी, सिरदर्द व कई अन्य कारण हो सकते हैं। ऐसे में त्रिफला चूर्ण का सेवन या त्रिफला चूर्ण का उपयोग काफी हद तक काले घेरों को कम कर सकता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि इसमें प्रचुर मात्रा में पौष्टिक तत्व हैं, जो काले घेरों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

एग्जिमा या खुजली के लिए त्रिफला चूर्ण

powder for eczema or itching

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आजकल प्रदूषित हवा के कारण त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे – खुजली, एग्जिमा व अन्य परेशानियां होने लगी हैं। इस स्थिति में सही खाना काफी फायदेमंद हो सकता है। आप त्रिफला चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। खाने के पहले त्रिफला चूर्ण का सेवन खुजली या जलन जैसी समस्याओं से राहत दिला सकता है (19)। इसके उपयोग से कील-मुंहासों की समस्या भी कम हो सकती है (20)।

आगे जानिए बालों के लिए त्रिफला के फायदे।

बालों के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे – Hair Benefits of Triphala Churna in Hindi

खूबसूरत बाल व्यक्तित्व को निखारते हैं, लेकिन बालों को सही देखभाल न मिलने से ये रूखे व बेजान होने लगते हैं। कई तरह के शैंपू के उपयोग से भी बालों की स्थिति और खराब हो जाती है। इसलिए, अगर त्रिफला का उपयोग किया जाए, तो बाल काफी हद तक ठीक हो सकते हैं।

बालों को बढ़ाने के लिए त्रिफला

Triphala to increase hair

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लंबे, घने व चमकदार बाल लगभग हर महिला की इच्छा होती है। वहीं, आजकल पुरुष भी चाहते हैं कि उनके बाल स्वस्थ हों। बालों को स्वस्थ रखने के लिए महिला और पुरुष दोनों ही तरह-तरह के शैम्पू व कंडीशनर आजमाते हैं, लेकिन नतीजतन केमिकल से बालों की स्थिति और खराब हो जाती है। ऐसे में त्रिफला चूर्ण में मौजूद पौष्टिक तत्व बालों को सेहतमंद बनाकर उन्हें बढ़ने में मदद कर सकते हैं (21)।

डैंड्रफ के लिए त्रिफला चूर्ण

Triphala powder for dandruff

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अक्सर लोग डैंड्रफ को अनदेखा कर देते हैं, लेकिन वो ये भूल जाते हैं कि डैंड्रफ बालों के लिए कितना नुकसानदायक होता है। इससे बाल खराब होने और झड़ने तक की नौबत आ जाती है। ऐसे में जब तक लोग इस परेशानी पर ध्यान देते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इस स्थिति में अगर त्रिफला पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर उससे बाल धोए जाएं, तो काफी हद तक डैंड्रफ कम हो सकता है (22)।

ऊपर आपने त्रिफला के गुण और फायदे जानें, अब वक्त है त्रिफला को उपयोग करने के तरीके जानने का।

त्रिफला चूर्ण का उपयोग – How to Use Triphala Churna in Hindi

त्रिफला के गुण और कारगर होंगे, जब उसका सही तरीके से उपयोग किया जाएगा। इसलिए नीचे हम आपको त्रिफला को उपयोग करने के कुछ तरीके बता रहे हैं।

त्रिफला पाउडर आसानी से बाजार में उपलब्ध है। आप इसका सेवन पानी में मिलाकर कर सकते हैं। यहां हम आपको घर में ही त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि बता रहे हैं।

नोट : खरीदने से पहले, ध्यान रखें कि त्रिफला चूर्ण में पड़ने वाली सामग्रियां (हरड़: बहेडा: आंवला) 1: 2: 4 के अनुपात में होनी चाहिएं।

सामग्री :
  • हरड़ – 20 ग्राम
  • बहेड़ा -40 ग्राम
  • आंवला – 80 ग्राम
  • ओखल और मूसल
बनाने की विधि :
  • सबसे पहले सारी कच्ची सामग्रियों को एक-एक करके ओखली में डालें और पीसकर बारीक पाउडर बना लें।
  • फिर सभी को छान लें।
  • अब, इन चूर्णों को 1: 2: 4 के अनुपात में मिलाएं जैसा कि पहले बताया गया है।
  • इस मिश्रण को एक प्लास्टिक के जार में रख लें।
  • फिर इस मिश्रण को आप रोजाना उपयोग कर सकते हैं।
त्रिफला चूर्ण को कैसे उपयोग करें?
How to use Triphala powder

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नींबू के साथ त्रिफला : आप त्रिफला चूर्ण को पानी के साथ पी सकते हैं। अगर आपको इसका स्वाद नहीं पसंद, तो आप इसका रस बनाकर भी पी सकते हैं। त्रिफला रस के फायदे अनेक हैं। आप त्रिफला रस बनाने के लिए पानी में त्रिफला चूर्ण, थोड़ी शहद, नींबू का रस और चीनी मिला लें। ध्यान रहे कि आप इन सामग्रियों को हल्का उपयोग करें, ताकि यह ज्यादा मीठा न हो, सिर्फ त्रिफला के स्वाद में थोड़ा बदलाव आए।

त्रिफला चाय – आप त्रिफला चूर्ण का सेवन चाय के साथ भी कर सकते हैं। आप त्रिफला चूर्ण के पाउडर से चाय बनाकर पी सकते हैं। आप त्रिफला पाउडर को पानी में उबालें और स्वाद के लिए इसमें थोड़ी शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

त्रिफला कैप्सूल या टैबलेट – अगर आपको त्रिफला चूर्ण खाने में परेशानी है, तो आप इसे टैबलेट या कैप्सूल के रूप में भी ले सकते हैं। बाजार में ये आसानी से उपलब्ध हैं और ये ज्यादा महंगे भी नहीं होते हैं। आप एक दिन में एक से दो बार इनका सेवन कर सकते हैं। बेहतर होगा कि आप इसे लेने से पहले किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर से इस बारे में बात कर लें।

आंखों के लिए त्रिफला का उपयोग – आप त्रिफला चूर्ण से आंखों को धो भी सकते हैं। बस एक से दो चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी में रातभर भीगने के लिए छोड़ दें और अगली सुबह इसे छान लें। फिर इस मिश्रण से आंखों को धोएं।

चेहरे के लिए त्रिफला मास्क – त्वचा को निखरा और बेदाग बनाने में भी त्रिफला मददगार साबित हो सकता है। आपको सिर्फ इसका फेस मास्क बनाकर उपयोग करना है। नीचे हम इसकी विधि आपको बता रहे हैं :

सामग्री :
  • तीन से चार चम्मच नारियल तेल
  • आधा या एक चम्मच त्रिफला पाउडर
बनाने और उपयोग करने की विधि :
  • आप तीन से चार चम्मच नारियल तेल में आधा या एक चम्मच त्रिफला पाउडर मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें।
  • अब इस मिश्रण को अपने चेहरे व गर्दन पर लगाएं।
  • फिर 10 से 15 मिनट के बाद मुंह धो लें।
  • इसके नियमित उपयोग से चेहरे पर काफी चमक आएगी।

त्रिफला के गुण के साथ-साथ कुछ दुष्प्रभाव भी हैं, जिनके बारे में हम आगे बता रहे हैं।

त्रिफला चूर्ण के नुकसान – Side Effects of Triphala Churna in Hindi

त्रिफला के फायदे के साथ-साथ नुकसान भी हैं। कुछ खास नुकसान कहने के बजाय हम यह भी कह सकते हैं कि इसका सेवन करते वक्त कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। नीचे हम इन्हीं के बारे में बात कर रहे हैं।

  1. गर्भवती महिलाएं त्रिफला चूर्ण का उपयोग न करें, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है और इससे गर्भपात भी हो सकता है। इसके अलावा, जो माएं शिशु को स्तनपान कराती हैं, वो भी इसका सेवन न करें।
  1. इसके जरूरत से ज्यादा सेवन से पेट में दर्द या डायरिया की समस्या हो सकती है।
  1. अगर आपको डायबिटीज है, तो इसका सेवन डॉक्टर से पूछकर करें।
  1. इसके अत्यधिक सेवन से अनिद्रा की समस्या हो सकती है।
  1. त्रिफला चूर्ण के अधिक उपयोग से लगातार वजन घटने की भी समस्या हो सकती है।
  1. अगर किसी को नई चीजों के सेवन से जल्दी एलर्जी होने की परेशानी है, तो त्रिफला का सेवन पहले कम मात्रा में करके देखें, क्योंकि त्रिफला से एलर्जी हो सकती है।

ऊपर आपने जाना कि त्रिफला के गुण न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए, बल्कि त्वचा और बालों के लिए भी बहुत लाभकारी हैं। आप त्रिफला के रस का भी सेवन कर सकते हैं, क्योंकि त्रिफला रस के फायदे भी अनेक हैं। आप त्रिफला चूर्ण के फायदे पाने के लिए इसे सही तरीके से उपयोग करें। त्रिफला चूर्ण का उपयोग कर हमारे साथ अपने अनुभव नीचे कमेंट बॉक्स में शेयर करना न भूलें। साथ ही अगर आपको भी त्रिफला चूर्ण के फायदे पता हैं, जो इस लेख में नहीं है, तो उसे भी हमारे साथ जरूर शेयर करें।

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